About The Himalyan Yogini
हिमालय में आज भी हजारों ऐसे स्थान हैं जिनको देवी-देवताओं और तपस्वियों के रहने का स्थान माना गया है। हिमालय में जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफाएं हैं। मान्यता है कि गुफाओं में आज भी कई ऐसे तपस्वी हैं, जो हजारों वर्षों से तपस्या कर रहे हैं। हिन्दुओं के दसनामी अखाड़े, नाथ संप्रदाय के सिद्धि योगियों के इतिहास में दर्ज है कि हिमालय में कौन-सा मठ कहां पर है और कितनी गुफाओं में संत विराजमान हैं।
प्राचीन काल में हिमालय में ही देवता रहते थे। यहीं पर ब्रह्मा, विष्णु और शिव का स्थान था और यहीं पर नंदनकानन वन में इंद्र का राज्य था। इंद्र के राज्य के पास ही गंधर्वों और यक्षों का भी राज्य था।
इन दुर्गम क्षेत्रों में स्थूल-शरीरधारी व्यक्ति सामान्यतया नहीं पहुंच पाते हैं। अपने श्रेष्ठ कर्मों के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माएं यहां प्रवेश कर जाती हैं। जब भी पृथ्वी पर संकट आता है, नेक और श्रेष्ठ व्यक्तियों की सहायता करने के लिए वे पृथ्वी पर भी आती हैं। आध्यात्मिक शोधों के लिए, साधनाओं सूक्ष्म शरीरों को विशिष्ट स्थिति में बनाए रखने के लिए यह स्थान विशेष रूप से उपयुक्त है।